तारीख : 4 मई 2023
समय – करीब दोपहर 3 बजे
गांव – बीफीनोम
जिला – कांगपोकपी
मणिपुर

Author : Pradyumna Mradul Shukla
एक 5 सदस्यों का परिवार , जिसमें एक 56 वर्षीय व्यक्ति , 19 वर्षीय उसका बेटा और 21 वर्षीय उसकी बेटी और अन्य दो महिलाएं जिनकी उम्र 42 और 52 वर्ष …..
परिवार के दोनों पुरुषों की हत्या कर, तीनों महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया जाता है और शारीरिक शोषण किया जाता है और इस घटना को अंजाम कुछ 900-1000 लोगों की भीड़ द्वारा दिया जाता है जो आधुनिक हथियारधारी होते है
और इस घटना की एफआईआर 21 जून 2023 को थांगबोई वैफेई में होती है लगभग घटना के घटित होने के डेढ़ महीने बाद…
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153A/398/427/436/448/302/354/364/326/376/34 और आयुध अधिनियम 1959 की धारा 25(1c) के तहत ..
ये घटना सबने ही सुनी होगी और यह भी सोचा होगा कि बुरा हुआ, ये सब सुन कर और पढ़ कर अंतर्मन में कुछ प्रश्न उठे …..
- क्या यही वो भारतीय समाज है जहां लड़कियों को बचपन में मां दुर्गा ( कन्या) के रूप में और कुछ समय बाद मां लक्ष्मी के रूप में सम्मान दिया जाता है ?
यदि हां तो इसी समाज में स्त्रियों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों होता है ? क्यों हत्याएं होती है क्यों हमेशा उन्हें डराया जाता है ? और ये सब होने के बाद इन सब को अंजाम देने वाले मां आदि शक्ति की प्रतिमा का सामना कैसे कर लेते है?
- क्या यही वो भारतीय समाज है जहां स्त्री के सम्मान को ठेस पहुंचने पर महाभारत जैसा युद्ध होता है ?
यदि हां तो डेढ़ महीने बाद एफआईआर क्यों लिखी जाती है ? क्यों इंसानियत हैवानियत और दरिंदगी में बदलती है ?
- जब नग्न स्त्रियों को घुमाया गया उनके साथ शारीरिक शोषण हुआ तो क्या इन पुरुषों को अपने पुरुषत्व पर लज्जा नहीं आई ?
- क्या इस समाज को मनुस्मृति की वो सीख भूल गया गया है जिसमें स्त्री को पूजनीय बताया गया है ?
- क्या यही समानता का अधिकार है ?
यदि नहीं तो समाज में बेटों बेहतर क्यों माना जाता है बेटियों से ? यदि परमात्मा दोनों में अंतर नहीं करते हैं तो इंसान क्यों करता है ? क्यों बेटी के जन्म पर नहीं बांटी जाती है मिठाईयां ? कभी सोचा है आपने ?
- क्या ऐसे ही भारत विश्वगुरू बनेगा जहां नारियों का सम्मान न हो ?
- जिस देश की साक्षरता दर 77.70% उस देश में नारियों के साथ ये व्यवहार ? कैसी शिक्षा है? जिसने मानवता का विकास न किया हो ?
- क्यों बेटियों को जन्म होते ही मार दिया जाता है ?
9.क्यों होती है भ्रूण हत्याएं ? क्या बेटे सर्वश्रेष्ठ होते है ? क्या बेटियां अभिशाप है ?
मणिपुर की प्रशासन व्यवस्था देख कर मुक्तिबोध की पंक्तियां याद आती है कि –
“अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज़्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम
मर गया देश, अरे, जीवित रह गये तुम!! “
10.क्यों देश का नागरिक , शासन , प्रशासन चुप है ?
11.क्या इस देश में सिर्फ फिल्मों का विरोध हो सकता है इस घटना का नहीं या – और ऐसी ही घटनाओं का नहीं ?
- क्या आने वाले समय में जो इतिहास लिखा जायेगा उसमें पुरुषों की इसी नपुंसता का और स्त्रियों के अपमान का उल्लेख किया जाएगा ?
- कोन-सा ग्रंथ हैं जिसमें इंसानियत का धर्म नहीं सिखाया गया ?
- क्या यही गणतंत्र है ? क्या यही लोकतंत्र है ?
- क्या जो मणिपुर में हुआ उससे संपूर्ण भारत ,विश्व के समक्ष शर्मसार नहीं हुआ ?
- क्या मणिपुर की घटना महत्वपूर्ण नहीं है ?
यदि हां तो फिर मीडिया में सब जगह सीमा हैदर , ज्योति मौर्य , थ्रेड्स ये सब लोगों द्वारा क्या देखा और दिखाया जा रहा है ? और क्यों ?
रामधारी सिंह दिनकर जी लिखते है –
“शासन के यंत्रों पर रक्खो आँख कड़ी,
छिपे अगर हों दोष, उन्हें खोलते चलो।
प्रजातंत्र का क्षीर प्रजा की वाणी है
जो कुछ हो बोलना, अभय बोलते चलो।”
ऐसे ही प्रश्न भारतीय समाज आने वाला इतिहास उठाएगा.
#बेटियोंकोपढ़ायिए और सशक्तबनाइए #बेटियोंविरोधकरोडरो_नहीं
आज के भारत को नारी सशक्तिकरण की सर्वाधिक आवश्यकता है ,
स्त्री कल भी सम्माननीय थी आज भी और कल भी रहेगी …?
धन्यवाद