बारह भावना नृत्य नाटिका की हुई शानदार प्रस्तुति

ब्रजेश पोरवाल-एडीटर &चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931

संसार के स्वरूप समझने एवं चिंतन की दी गई प्रेरणा

जसवंतनगर – नगर के श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मंदिर में जैन शिक्षण शिविर की धूम मची हुई है लगातार तीसरे दिन अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें उत्साही शिविरार्थीयो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रात्रि के कार्यक्रम में मंगलाचरण के बाद जैन बारह भावनाओं की नृत्य नाटक को मंच पर प्रदर्शित किया गया। वैराग्य से विभोर इन बारह भावनाओं को बहुत ही सराहना गया। इस कार्यक्रम की संयोजिका सारिका जैन ने बताया जैन बारह भावनाएं जैन धर्म में ध्यान और चिंतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बारह भावनाएं व्यक्ति को संसार, कर्म और आत्मा के बारे में सोचने और उसके अनुसार जीने के लिए सदैव ही प्रेरित करती रहती हैं। यह सभी भावनाएं संसार का अभाव करने में सहयोगी रहती हैं।

भोर सवेरे योगा कक्षा के बाद श्री जिनेंद्र भगवान का अभिषेक, पूजन आदि आयोजित हुए। जिसमें शाश्वत धाम उदयपुर से पधारी हुई विदुषी बहनों प्रज्ञा जैन, समृद्धि जैन एवं छवि जैन द्वारा बच्चों को पूजन से संबंधित क्रियाओ एवं उनके भावों को समझाया गया। जिसमें पूजन के पांच अंग,उसकी विधि, अपने परिणामों की विशुद्ध, कैसे पूजन करते हुए तत्व चिंतन करें आदि बताया गया। आपको बताते चले जैन संस्कार शिविर के इस भव्य आयोजन से आसपास के क्षेत्र से और जैन शिविरार्थी प्रतिदिन जुड़ते जा रहे हैं जिससे उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। इस भव्य आयोजन के लिए पूरी टीम ही सदैव घंटे की मेहनत करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हुई है।

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