लोकमाता अहिल्या बाई दूरदर्शी सोच वाली शासक थीं : डॉ ज्योति वर्मा

ब्रजेश पोरवाल- एडीटर &चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931

इटावा। लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर बचपन से ही धार्मिक विश्वास,पूजा अर्चना व सेवा भाव में रूचि रखती थीं। उन्होंने नारी समाज व देश के लिए एक आदर्श कीर्तिमान स्थापित किया।
यह बात संस्कृत प्रवक्ता व भाजपा जिला मंत्री डॉ ज्योति वर्मा ने मंगलवार को कर्म क्षेत्र इंटर कॉलेज के सभागार में
पुण्यश्लोक रानी अहिल्या बाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
डॉ ज्योति वर्मा ने कहा कि लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर ने किसी भी राजाज्ञा में अपने नाम का प्रयोग ना करते हुए नीचे श्री शंकर लिखवाया। उन्होंने अपना शासन जनता की संरक्षक के रूप में चलाया। उनका कहना था कि सब कुछ ईश्वर का ही दिया है। इसलिए उसमें अटूट आस्था रखनी चाहिए। उन्हें उनकी न्याय प्रियता के लिए भी स्मरण किया जाता है। न्याय करते वक्त अपने पुत्र मालोराव को भी रथ के नीचे कुचलवाने का आदेश दे दिया था। धार्मिक प्रवृत्ति की होने के कारण उन्होंने देश भर के लगभग दस हजार से भी अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। नदियों के घाटों की साफ सफाई व निर्माण करवाया। वह एक बुद्धिमान दूरदर्शी सोच वाली शासक थीं। उन्हें साहसी शासक और पुण्यश्लोक कहा जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रमेन्द्र यादव ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचलन प्रवक्ता योगेश वर्मा ने किया। कॉलेज के शिक्षक अवधेश वर्मा,सत्यशील गौतम,रामचंद्र,देवेन्द्र सोनकर,दीवान सिंह,राहुल विक्रम सिंह, जितेंद्र कुमार,सुशील यादव, ममता शुक्ला,श्वेता आर्या,सरिता व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।

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