ब्रजेश पोरवाल-एडीटर &चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931
भरथना। बिजली निजीकरण, स्मार्ट मीटर और बढ़ती बिजली दरों के खिलाफ किसान सभा के बैनर तले हाजीपुरा मंदिर चौराहे पर सोमवार को एक बड़ी सभा आयोजित की गई। इसमें किसानों और मजदूरों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और 11 जून को कचहरी पर जोरदार प्रदर्शन करने का संकल्प लिया।
सभा के मुख्य वक्ता किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री मुकुट सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने चुनावी वादे में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही थी, लेकिन अब वह जनता से किया गया वादा तोड़ते हुए प्रदेश के 42 जिलों में (पहले चरण में) बिजली व्यवस्था निजी हाथों में सौंप रही है। उन्होंने कहा कि निजीकरण से आम जनता को महंगी बिजली का जोरदार झटका लगेगा।
उन्होंने इसे जनविरोधी कदम बताते हुए निजीकरण को तत्काल वापस लेने की मांग की। मुकुट सिंह ने खेती-किसानी के बढ़ते संकट के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इससे बचने के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि बाजार नीति मसौदा वापस लेने, औने-पौने दामों पर भूमि की लूट रोकने, किसानों की कर्ज माफी, मनरेगा का विस्तार, और बढ़ती बेरोजगारी-महंगाई पर नियंत्रण आवश्यक है।
सभा में किसान सभा के जिलामंत्री संतोष शाक्य और चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व सहायक कुलसचिव डॉ. शौकीन सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए एकजुट होकर आंदोलन करें। गांव-गांव में कमेटियां गठित कर किसानों को संगठित करना जरूरी है, क्योंकि उनकी एकता ही उनका सबसे बड़ा हथियार है।
सभा की अध्यक्षता रामदास और संचालन मंत्री प्रदीप यादव ने किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष रणवीर सिंह यादव, शिवराज सिंह, रविंद्र यादव, बृजेश तिवारी (विवौली), नरेश तिवारी, बृजेश तिवारी (पीपरीपुरा) सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।